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Sunday 7 August 2011

कुमांउनी झोडा ! स्वर- दीवान कनवाल और साथी !




मधुलि तेरी बाखड़ी भैंसी झंन बेचिये घ्यू,
काठे की ठेकी में दै जमायों ठेकी में लागो च्यूं !!

मैथ बे लायो रेशमी साडी बक्सा लुके दयूं,
सासू को मना यस करुछो ब्वारी के बुके दयूं !!

गाड़ मधुलि राड-घ्सुरा झंन तोडिये ग्यूं,
भाबरे जाली घाम लागलो पहाड़ पड़ो ह्यून !!

मैथ बे लायो सापड डाई बक्सा लुके दयूं,
सासू को मन यस करुछो ब्वारी गये बुले दयूं !!

मधुलि तेरी बाखड़ी भैंसी झंन बेचिये घ्यू,
काठे की ठेकी में दै जमायों ठेकी में लागो च्यूं !!

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